कोरोना वायरस महामारी ने तो ऐसे ही सब को खौफ का मंजर दिखा दिया है, और अब इस म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) यानी ब्लैक फंगस (Black Fungus) नामक बीमारी ने भी सब के नाक में दम कर रखा है। बिहार में पिछले दिनों ब्लैक फंगस बीमारी को महामारी घोषित किया गया था। म्यूकरमाइकोसिस के इलाज के लिए दवा एम्फोटेरिसिन (Amphotericin) की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस दवा, एम्फोटेरिसिन का 1700 वायल आज पटना पहुंचा है।
इस बात की जानकारी बिहार के स्वास्थ्य मंत्री Mangal Pandey ने दी। उन्होंने ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए लिखा, “ब्लैक फंगस की दवा एम्फोटेरिसिन का 1700 वायल आज पटना पहुंचा।” इस दवा के आ जाने से पटनावासियों के ब्लैक फंगस के इलाज में बहुत मदद मिलेगी।
बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या भले ही तेजी से घटी हो, लेकिन म्यूकोरमाइकोसिस, स्वास्थ्य विभाग के लिए मुसीबत बना हुआ है। विगत 15 दिन में ब्लैक फंगस रोगियों की संख्या सात गुना तक बढ़ चुकी है। बिहार की राजधानी पटना में ब्लैक फंगस ने पिछले 24 घंटों में 5 लोगों की जान ले ली। एम्स व आइजीआइएमएस में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए संचालित विशेष ओपीडी में हर दिन नए रोगी सामने आ रहे हैं।
ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) एक खतरनाक इंफेक्शन है। इसके सबसे अधिक मामले डायबिटिक लोगों में आ रहे हैं। ब्लैक फंगस आमतौर पर साइनस, मस्तिष्क और फेफड़ों को प्रभावित करता है। ओरल कैविटी या दिमाग के ब्लैक फंगस से सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका रहती है। ब्लैक फंगस के इलाज में एम्फोटेरिसिन दवा का इस्तेमाल काफी कारगर माना गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस ड्रग के इस्तेमाल की स्वीकृति दी है।