भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (M. Venkaiah Naidu) के पर्सनल ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक यानी कि वेरिफाइड का मार्क 5 जून की सुबह हटा दिया। सोशल मीडिया साइट ट्विटर के साथ पिछले कुछ दिनों से नए आईटी नियमों को ले कर विवाद चल रहा है। हालांकि उपराष्ट्रपति कार्यालय के आधिकारिक हैंडल पर अभी भी ब्लू टिक (Verified) लगा हुआ है।
कहा जा रहा है कि उपराष्ट्रपति का पर्सनल ट्विटर हैंडल 6 महीने से ज्यादा समय तक इनएक्टिव होने की वजह से वेरिफिकेशन मार्क हटाया गया है। उपराष्ट्रपति ने अपने पर्सनल ट्विटर हैंडल से आखिरी ट्वीट 23 जुलाई 2020 को किया था। उनके पर्सनल एकाउंट को 13 लाख लोग फॉलो करते हैं। हालांकि ट्विटर ने कुछ घंटों के अंदर ही उपराष्ट्रपति के पर्सनल ट्विटर हैंडल का ब्लू टिक वापस लगा दिया।
ब्लू टिक क्या है?
ट्विटर के अनुसार, ब्लू वैरिफाइड बैज (ब्लू टिक) का मतलब है कि अकाउंट जनहित से जुड़ा और वास्तविक है। इस टिक को पाने के लिए ट्विटर अकाउंट का सक्रिय रहना बहुत जरूरी है। फिलहाल सरकारी कंपनियों, ब्रांड और नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन, समाचार संगठन और पत्रकार, मनोरंजन, स्पोर्ट्स एंड ई-स्पोर्ट्स, कार्यकर्ता, ऑर्गेनाइजर्स और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों के खास अकाउंट्स को ट्विटर वैरिफाई करता है और ब्लू टिक लगाता है।
क्यों हटाया जाता है ब्लू टिक?
ट्विटर के शर्तों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति जिसका एकाउंट वेरीफाइड है वो अपना यूजरनेम (Username) बदलता है या फिर अपने एकाउंट का उस तरह से इस्तेमाल नहीं करता जिस आधार पर एकाउंट वेरीफाइड हुआ था तो उसका ब्लू टिक यानी कि वेरीफिकेशन बैज हटा दिया जाता है।
कई संघियों के भी एकाउंट से हटे ब्लू टिक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कई नेताओं के ट्विटर अकाउंट से भी ट्विटर ने वेरीफिकेशन बैज हटा दिया। इनमें अरुण कुमार, भैयाजी जोशी और सुरेश सोनी जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं। हालांकि, संघ प्रमुख और सरकार्यवाह के अकाउंट पर फिलहाल ब्लू टिक लगा हुआ है। इस बीच भाजपा मुंबई के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने ट्विटर की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने इसे भारत के संविधान पर हमला बताया। उन्होंने कुछ स्क्रीन शॉट (Screenshot) और ANI की एक ट्वीट जिसमें बताया गया था कि ट्विटर इनएक्टिव एकाउंट्स से ब्लू टिक हटा देगा को शेयर करते हुए लिखा की ट्विटर का यह स्पस्टीकरण बिल्कुल ही बचकाना है।
नए IT नियमों को लेकर ट्विटर से चल रहा विवाद
पिछले दिनों भारत सरकार की नई गाइडलाइन को लेकर ट्विटर और सरकार के बीच थोड़ी विवाद की स्थिति बनी हुई है। भारत सरकार द्वारा सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म के लिए जारी की गई नई गाइडलाइन को अभी तक ट्विटर ने अपनी रजामंदी नहीं दी है। वहीं, कुछ दिन पहले ही कथित टूलकिट के मामले में दिल्ली पुलिस ने ट्विटर इंडिया के दिल्ली और गुरुग्राम के दफ्तर पर छापेमारी की थी। हालांकि पुलिस ने बाद में कहा था कि वो बस नोटिस देने गए थे छापेमारी के लिए नहीं। गौरतलब है कि जब पुलिस ट्विटर (Twitter) के गुरुग्राम स्थित ऑफिस पहुँची थी तो वहाँ कोई स्टाफ मौजूद नहीं था। कोरोना महामारी की वजह से सभी स्टॉफस् घर से काम (Work from home) कर रहे थे।