PATNA : सोमवार को मुख्य सचिवालय के कैबिनेट हॉल में बुधवार को नीतीश कैबिनेट की मीटिंग (Nitish Cabinet Meeting) हुई. इसकी अध्यक्षता सीएम नीतीश कुमार ने की. मुख्यमंत्री (Chief Minister) नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल 26 एजेंडों पर मुहर लगी. बैठक (Cabinet Meeting) में कई बड़े निर्णय लिए गए हैं.
बिहार सरकार ने बिहार की दोनों बिजली कंपनियों नॉर्थ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को सुदृढ़ करने के लिए एक्शन प्लान को मंजूरी दे दी है. इसके लिए सरकार द्वारा बिजली उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सब्सिडी राशि के लिए कुल 7801 करोड़ रुपए की राशि एक साल के लिए मंजूर की गई है.
इसके अलावा राज्य सरकार ने औरंगाबाद में मंडल कारा के नए भवन के लिए 25 करोड़ 82 लाख 97 हजार से ज्यादा की राशि को प्रशासनिक मंजूरी दे दी है. साथ ही पटना जिला के अंतर्गत पटना बख्तियारपुर फोरलेन के 49वें किलोमीटर से चेरो और नगरनौसा आरसीडी पथ के निर्माण कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण समेत पुनर्वास और बंदोबस्ती की मंजूरी दी गई है.
परिवहन विभाग के अंतर्गत बिहार मोटर गाड़ी नियमावली 1992 के अंतर्गत जारी अधिसूचना में सरचार्ज के स्थान पर अतिरिक्त फीस शब्द के इस्तेमाल करने को लेकर मंजूरी दी गई है. जमुई के सिकंदरा में अंचल अधिकारी रहे धर्मेंद्र कुमार भारती को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. इसके अलावा सरकार ने नगर निकाय के चुनाव को लेकर भी एक बड़ा निर्णय लय है.
दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में जिन 26 एजेंडों पर मुहर लगी. उसमें डिप्टी मेयर और मेयर के चुनाव का भी जिक्र है. नगर विकास एवं आवास विभाग के उस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. कैबिनेट सेक्रेटेरिएट की और से जारी प्रेस नोट के अनुसार बिहार के नगर निकायों के मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद के पदों पर प्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति द्वारा निर्वाचन कराने हेतु बिहार नगरपालिका (संशोधन) अधिनियम 2022 के आलोक में बिहार नगरपालिका निर्वाचन (संशोधन) नियमावली, 2022 के प्रारूप की स्वीकृति प्रदान की गई है.
सरकार के इस निर्णय के बाद नगर निकायों के मुख्य पार्षद और मुख्य पार्षद के पदों पर प्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति द्वारा निर्वाचन हो सकेगा. यानी कि नगर निकायों में मेयर, डिप्टी मेयर, मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद का चुनाव सीधे मतदाताओं द्वारा किया जाएगा. जिसकी चर्चा काफी लंबे समय से हो रही है.
जानकारी हो कि पहले सरकार ने मेयर, डिप्टी मेयर, मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद के सीधे चुनाव को लेकर राज्यपाल ने जनवरी में बिहार नगरपालिका संशोधन अध्यादेश-2022 अध्यादेश जारी किया था. बता दें कि बिहार नगरपालिका कानून में बदलाव के बाद राज्य के 19 नगर निगम सहित कुल 263 नगर निकायों पर सीधा असर पड़ेगा.
इसी साल मई में नगर निकायों का चुनाव संभावित है. अब तक नगर निगम में मेयर व डिप्टी मेयर एवं नगर निकायों में मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद का चुनाव वार्ड पार्षदों के द्वारा होता था. लेकिन अब जनता सीधे मेयर-डिप्टी मेयर का चुनाव करेगी.
आपको बता दें कि पहले मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ एक तिहाई पार्षदों द्वारा अविश्वास लाने का प्रावधान था. लेकिन, अब यह प्रावधान समाप्त कर दिया गया है. अब मेयर-डिप्टी मेयर सीधे सरकार को इस्तीफा देंगे. उनका त्यागपत्र सात दिनों के बाद प्रभावी हो जायेगा, बशर्ते इस अवधि में वे उसे वापस न ले लें.
वहीं बिना समुचित कारण लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहने पर सरकार हटा भी सकेगी. जबकि पद से हटाये जाने वाले मेयर-डिप्टी मेयर, नगर निकाय के मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद दोबारा चुनाव नहीं लड़ पायेंगे.